1. कमजोर कभी माफ़ी नहीं मांगते। क्षमा करना तो ताकतवर व्यक्ति की विशेषता है।
2.खुशियाँ तभी हैं जब आप जो सोचते हैं, जो कहते हैं और जो करते हैं, सामंजस्य में हों।
3.आपको इंसानियत पर कभी भी भरोसा नहीं तोडना चाहिए क्योंकि इस दुनिया में इंसानियत एक ऐसा समुद्र है जहाँ अगर कुछ बूँदें गंदी हो भी जाएँ तो भी समुद्र गंदा।
4.कुछ ऐसा जीवन जियो जैसे की तुम कल मरने वाले हो, कुछ ऐसा सीखो जिससे कि तुम हमेशा के जीने वाले हो।
5.एक आँख के बदले आँख ही पूरी दुनिया को अँधा बना कर समाप्त होता है।
6.अपने आपको को जीवन में ढूँढना है तो लोगों की मदद में खो जाओ।1
7.पहले वह आपकी उपेक्षा करेंगे, उसके बाद आपपे हसंगे, उसके बाद आपसे लड़ाई करेंगे, उसके बाद आप जीत जायेंगे।
8.यह स्वास्थय ही है जो हमारा सही धन है, सोने और चांदी का मूल्य इसके सामने कुछ नहीं।1
9.जब में सूर्यास्त और चन्द्रमा के सौंदर्य की प्रसंशा करता हूँ, मेरी आत्मा इसके निर्माता के पूजा के लिए विस्तृत हो उठती है।
10.जहाँ प्रेम है वहीँ जीवन है।
11.शक्ति दो प्रकार के होते हैं ! एक उत्तपन होता है दंड के डर से और एक प्यार से। प्यार की शक्ति हमेशा हज़ार गुना ज्यादा प्रभावी होता है।1
12.हो सकता है हम ठोकर खाकर गिर पड़ें पर हम उठ सकते हैं; लड़ाई से भागने से तो इतना अच्छा ही है।
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13.में हिंसा का विरोध करता हूँ क्योंकि जब ऐसा दीखता है वह अच्छा कर रहा है तब वह अच्छाई अस्थाई होती है, और जो बुराई करती है वह स्थाई होती है।
14.एक देश की संस्कृति दिलों में और अपने लोगों की आत्मा में रहता है।
15.प्रार्थना पूछना नहीं है, यह तो आत्मा की लालसा है, यह दुर्बलता का दैनिक स्वीकारोक्ति है। प्रार्थना के समय दिल लगाना बिना वचन के वचन के साथं दिल ना होने से तो बेहतर है।
16.सत्य एक है, मार्ग कई।
17.अगर धैर्य लायक कुछ भी है, तो कोई भी आखरी वक्त तक और अगर जिन्दा विश्वास एक काले घने तूफान में भी खड़े रहने की शक्ति रखता है।
18.कुछ करना है, प्यार से करें या तो ना करें
19.शक्ति शारीरिक क्षमता से नहीं आती है। एक अदम्य इच्छा शक्ति से आता है।
20.प्रार्थना सुबह की कुंजी है और शाम का सोंदर्य।
21.जीवन की गति बढाने की अपेक्षा भी जीवन में बहुत कुछ है।
22.तुम मुझे चैन में बांधो, या मेरे साथ यंत्रणा या अत्याचार करो, या मेरे पुरे शारीर को नष्ट कर दो, परन्तु तुम मेरे मन को कैद नहीं कर सकते।
23.किसी भी राष्ट्र की महानता उस राष्ट्र के पशुओं के प्रति प्रेम और व्यव्हार से पता चलता है।
24.वहाँ न्याय के न्यायालयों की तुलना में एक उच्च न्यायालय है और जो कि अंतरात्मा की अदालत है। यह अन्य सभी अदालतों को प्रतिस्थापित करता है।
25.मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है, सत्य मेरा भगवान है और अहिंसा उसे पाने का साधन।
– महात्मा गाँधी (Mahatma Gandhi)